धन्यभाग मैं ब्रज जन्माऔ।
कृष्णकृपा बरसी दिन दूनी
ब्रजरज खेलन पायौ।
जमुना निकट गाँव में कान्हा
तैने मोय बुलायौ।
धन्य मेरे माँ -पिता पूर्वज
जिनके घर मैं आयौ।
बड़ौ भयौ जानौं मुरलीधर
घर - घर कान्ह पुजायौ।
घर की दिवारनु पे तेरी
लीला देखि रिझायौ।
पढ़ी पोथियनु लीलाधर की
लीला मन हर्षायौ।
गीता कौ संन्देश तिहारौ
जन - जन नें सुनि पायौ।
योगेश्वर जसुदा को लाला
पुरुषोत्तम कहलायौ।
जन्म -जन्म तेरी भक्ति कौ
"शुभम" अशीषहू पायौ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
की
हार्दिक शुभकामनाएं
शुभमस्तु !
✍🏼रचयिता ©
डॉ. भगवत स्वरूप "शुभम"
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