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सोमवार, 30 अगस्त 2021

कान्हा आओ 🪴 [ तिन्ना छंद ]


 विधान: sss  s

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✍ शब्दकार ©

☘️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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कान्हा    आओ।

गीता     गाओ।।

जौ  लों   साँसा।

तौ  लों  आशा।।


आईं         राधा।

नाशी      बाधा।।

ग्वाले       आए ।

सारे         छाए।।


वंशी         वाला।

ही       गोपाला।।

खातीं       चारा।

गौवें       सारा।।


गोपी         नाची।

लीला       साँची।।

यामा        काली।

बाजी       ताली।।



आजा      आली।

फूली        डाली।

ले  आ      थाली। 

पूजा        वाली।।


  🪴शुभमस्तु !


३०.०८.२०२१◆११.३० आरोहणम मार्तण्डस्य।

किनारे पर खड़ा दरख़्त

मेरे सामने नदी बह रही है, बहते -बहते कुछ कह रही है, कभी कलकल कभी हलचल कभी समतल प्रवाह , कभी सूखी हुई आह, नदी में चल रह...