सोमवार, 30 नवंबर 2020

चूल्हे वाली रोटी [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार©

🧑🏼‍🎓 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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चूल्हे   वाली    रोटी     खाएँ।

अपना तन-मन स्वस्थ बनाएँ।


बनी  गैस   की  रोटी  खाता।

रोग धाम तन-मन बन जाता।

उदर -रोग  दिन - रात सताएँ।

चूल्हे    वाली    रोटी  खाएँ।।


ईंधन सूखा  काष्ठ  जला कर।

उपलों का उपभोग करा कर।

रोटी,   सब्जी ,दाल   पकाएँ।

चूल्हे  वाली    रोटी   खाएँ।।


दूषित   गैस   नहीं   बनती है।

यदि लकड़ी घर में जलती है।

हाँडी   में    गोरस    गरमाएँ।

चूल्हे  वाली    रोटी   खाएँ।।


द्रव गैसें   विस्फोटक  होतीं।

गंधक आदि रसायन  बोतीं।

न्यौता  दे    बीमारी    लाएँ।

चूल्हे  वाली    रोटी  खाएँ।।


वृक्ष   मित्र   हैं    सभी हमारे।

मानव के नित 'शुभम'सहारे।

पर्यावरण को शुद्ध     बनाएँ।

चूल्हे   वाली   रोटी    खाएँ।।


💐 शुभमस्तु !


29.11.2020 ◆4.15 अपराह्न।

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