मंगलवार, 6 नवंबर 2018

आओ बच्चो दिये जलाएँ

[बाल गीत]
आओ बच्चो दिये जलाएँ,
अँधियारे  को  दूर  भगाएं।

ज्योतिपर्व   दीपावलि आई,
खील खिलौने खुशियाँ लाई।
पूड़ी    खीर   गुलगुले  खाएँ,
आतिशबाजी   नहीं  कराएँ।।
आओ बच्चो.....

स्वच्छ हुआ घर कोना - कोना,
बीज  प्रेम   आदर  के  बोना।
रंगोली     से    द्वार    सजाएँ,
उन  पर   घी  के दीप जलाएँ।।
आओ बच्चो.....

घर  बाहर  छत  और दीवारें ,
दीप  जलाओ      वन्दनवारें ।
गली - मोहल्ले   खुशी मनाएँ,
ज्योति -रश्मि से बच ना पाएँ।।
आओ बच्चो .....

देखो    कैसी    सजी   दीवारें,
ऊपर -  नीचे     हैं    उजियारे।
मावस  का  तम    दूर  भगाएँ,
उनके    द्वारे     दीप   जलाएँ।।
आओ बच्चो.....

मम्मी   ने    नये   पहने  गहने,
हम तुम नये वस्त्र   अब पहनें।
खुशियाँ   बाँटें    खुशी  मनाएँ,
मंगल - गीत  ज्योति  के गायें।।
आओ बच्चो.....

नहीं   भूलना    श्रीगणेश   को,
विद्यादात्री      सरस्वती     को।
गणपति - शारद  आशीष पाएँ,
उर -अंधियारा आज मिटायें।।
आओ बच्चो...

लक्ष्मी जी   का   पर्व  दिवाली ,
पूजन   किया  आरती  गा ली।
मात-पिता  का  आशीष  पाएँ,
चरण छुएँ नत - नत हो  जाएं।।
आओ बच्चो....

शुभमस्तु !
✍© रचयिता
डॉ. भगवत स्वरूप"शुभम"

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