[ बाल गीत]
माँ मेले में जाऊँगा।
चाट-पकौड़ी खाऊंगा।।
चाट-पकौड़ी मिर्च पड़ी
इससे अच्छी है रबड़ी।
पहले चाट मैं खाऊंगा
फिर रबड़ी ले आऊंगा।।
माँ मेले में ....
मेरे खिलौने टूट गए
गुब्बारे भी फूट गए।
दो चार खिलौने लाऊँगा
दोस्तों के संग जाऊँगा।।
माँ मेले में ....
आज नहीं तुम कल जाना
पापा को संग ले जाना।
मैं साथ तुम्हारे जाऊँगा
घूमूँगा और घुमाऊंगा।।
माँ मेले में ....
पापा झूला नहीं झुलायेंगे
कहते हैं वे गिर जाएँगे।
माँ तुमको भी झुलवाऊंगा
कार में सैर कराऊंगा।।
माँ मेले में ....
तुम पैसे कहाँ से लाओगे,
कैसे मेले जा पाओगे।
अपनी गुल्लक तुड़वाऊंगा
पर साथ तुम्हारे जाऊँगा।।
माँ मेले में ...
💐शुभमस्तु !
✍🏼© रचयिता
डॉ. भगवत स्वरूप शुभम
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