छाता छाता छाता प्यारा।
रंग -बिरंगा काला न्यारा।।
जब हम विद्यालय को जाते।
सिर पर छाता तान लगाते।।
धूप हमें फिर नहीं सताती।
ठंडी - ठंडी छाया आती।।
छाता हरता ताप हमारा।
छाता छाता ......
वर्षा में जब बरसे पानी।
बूँदें करें बहुत मनमानी।।
भीगे बस्ते कपड़े सारे।
आते छाते काम हमारे।।
नहीं भिगा पाती जलधारा।
छाता छाता .....
कुत्ते भौंक रहे हैं हम पर।
बचना हमको अपने दम पर।।
छाता उठा उन्हें धमकाया।
पास न आए दूर भगाया।।
कुत्ते करते दूर किनारा।
छाता छाता .....
आता गड्ढा नाली - नाला।
छाता टेका पाँव निकाला।।
अच्छा साथी छाता अपना।
पानी और धूप से बचना।।
लाठी-सा बन गया सहारा।
छाता छाता ......
💐शुभमस्तु!
✍रचयिता ©
☂ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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