मनभाया मनभाया है।
तेरा सुंदर साया है।।
मेरी किस्मत अच्छी है,
तू मेरे घर आया है।
झेली हैं मुश्किल कितनी,
मिली शज़र की छाया है।
माज़ी को समझा किसने,
जुल्मो -सितम जो ढाया है।
रो - रो कर रातें काटीं,
गीत प्यार का गाया है।
ख़ारों में उलझा अब तक,
फ़ूल आज मुस्काया है।
वक़्त बदलता है सबका,
'शुभम' आज कह पाया है।
💐शुभमस्तु!
✍रचयिता ©
❇ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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