हम पौधे हरे लगाएंगे।
धरती को हरा बनाएँगे।।
देखभाल हम नित्य करेंगे।
पौधों के सब कष्ट हरेंगे।।
पानी से सींचेंगे पौधे।
करें निराई रहें न बोदे।।
पेड़ों से सड़क सजायेंगे।
हम पौधे हरे ....
राहगीर को देंगे छाया।
सुखा पसीना शीतल काया।।
हम खेलेंगे हरियल डंडा।
चिड़ियाँ रखें घोंसला अंडा।।
पशु - पक्षी मौज मनाएँगे।
हम पौधे हरे ....
सेब संतरा जामुन आम।
फल देने के आते काम।।
पीपल नीम सघन वट छाया।
गुलमोहर का फूल लुभाया।
हम अमलतास उपजाएँगे।
हम पौधे हरे .....
गेंदा फूल चमेली चम्पा।
मुस्काता ग़ुलाब से चप्पा।।
बेला जूही हरसिंगार।
फ़ूल खिलेंगे सदाबहार।।
खुशबू से चमन महकायेगें।
हम पौधे हरे ....
जीवन पर्यावरण हमारा।
जल की बचत बचे जन सारा।।
वृक्ष हवा दें शुद्ध हमें जब।
साँस सहज ही लेंगे हम तब।।
धरती आकाश सजायेंगे।
हम पौधे हरे ....
💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🌱 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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