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✍️ शब्दकार©
🎐 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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साबुन से विषाणु मर जाता।
इसीलिए मैं रगड़ नहाता।।
साबुन होता अति गुणकारी।
होती उसकी महिमा न्यारी।।
पूरा घर मुझको समझाता।
साबुन से विषाणु मर जाता।।
बार - बार हाथों को धोना।
पीना, खाना, रहना, सोना।।
सब में साबुन स्वच्छ बनाता।
साबुन से विषाणु मर जाता।।
है विकल्प भी सेनेटाइजर।
साबुन के पर नहीं बराबर।।
मिनट तिहाई भर लग जाता।
साबुन से विषाणु मर जाता।।
झाग उठाकर कपड़े धोएँ।
कोरोना को जग से खोएँ।।
डाल धूप जो वस्त्र सुखाता।
साबुन से विषाणु मर जाता।।
साबुन सब होते हितकारी।
रहती विमुख सभी बीमारी।।
'शुभम'आज सबको बतलाता
साबुन से विषाणु मर जाता।।
✍️ शब्दकार ©
१८.०५.२०२१◆२.००पतनम मार्तण्डस्य।
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