रविवार, 3 जून 2018

दिव्य ज्ञान -संधान

दिव्य   ज्ञान  बँटने  लगा,
लूटो     दिन    और  रात।
ना     गुरुकुल    स्कूल में ,
रैली      सभा       विराट।।1

नेताओं      के      ज्ञान   की,
सीमा      कही     न    जाय।
जानो  तुम     जिस ज्ञान को,
दो      उसको     बिसराय।।2

नव  व्याख्या      भाषा   नई ,
नव        परिभाषा     व्यक्त।
राजनीति     से      सीखना,
रामायण      का       सत्य।।3

लिखना  फिर   पड़ जाए ना,
महाभारत       एक      बार।
व्यासों   की  अब क्या कमी,
विधानसभा     के       द्वार।।4

सीता जी    के     जन्म   का ,
पुराचीन                इतिहास।
नेताजी      ने        बदलकर ,
डाला      नया       प्रकाश।।5

टेस्ट -ट्यूब    से    जन्म   का,
अधुनातन        विधि  -ज्ञान।
त्रेता युग       से        जोड़कर,
नेता  युग              संधान।।6

मिथिलाधिप   ने हल    चला,
घट   मिट्टी    का           एक-
फोड़,  हुई      नवजात   जो,
सीता      माता         नेक।।7

टेस्टट्यूब  विधि    और   घट-
टूटन        विधि  सम    जान।
महाभारत  के      काल     में,
संजय    -          दैवी ज्ञान।।8

सीधा    प्रसारण     आजकल ,
होता     है     बिन         तार ।
दुर्योधन     के      जनक    को,
संजय       किया      प्रसार।।9

राम    अयोध्या         लौटकर,
लाए        पुष्पक         साथ।
वैमानिक       तकनीक    वह ,
तब भी थी   निज       हाथ।।10

नव -,भारत     स्नान         की ,
गंगा    में         निज       हाथ।
"शुभम"    करो  निज  ज्ञान में,
वृद्धि     पाय      नव ज्ञान।।11

💐शुभमस्तु!
✍🏼©डॉ. भगवत स्वरूप ",शुभम"

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