दिव्य ज्ञान बँटने लगा,
लूटो दिन और रात।
ना गुरुकुल स्कूल में ,
रैली सभा विराट।।1
नेताओं के ज्ञान की,
सीमा कही न जाय।
जानो तुम जिस ज्ञान को,
दो उसको बिसराय।।2
नव व्याख्या भाषा नई ,
नव परिभाषा व्यक्त।
राजनीति से सीखना,
रामायण का सत्य।।3
लिखना फिर पड़ जाए ना,
महाभारत एक बार।
व्यासों की अब क्या कमी,
विधानसभा के द्वार।।4
सीता जी के जन्म का ,
पुराचीन इतिहास।
नेताजी ने बदलकर ,
डाला नया प्रकाश।।5
टेस्ट -ट्यूब से जन्म का,
अधुनातन विधि -ज्ञान।
त्रेता युग से जोड़कर,
नेता युग संधान।।6
मिथिलाधिप ने हल चला,
घट मिट्टी का एक-
फोड़, हुई नवजात जो,
सीता माता नेक।।7
टेस्टट्यूब विधि और घट-
टूटन विधि सम जान।
महाभारत के काल में,
संजय - दैवी ज्ञान।।8
सीधा प्रसारण आजकल ,
होता है बिन तार ।
दुर्योधन के जनक को,
संजय किया प्रसार।।9
राम अयोध्या लौटकर,
लाए पुष्पक साथ।
वैमानिक तकनीक वह ,
तब भी थी निज हाथ।।10
नव -,भारत स्नान की ,
गंगा में निज हाथ।
"शुभम" करो निज ज्ञान में,
वृद्धि पाय नव ज्ञान।।11
💐शुभमस्तु!
✍🏼©डॉ. भगवत स्वरूप ",शुभम"
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