शुक्रवार, 1 जून 2018

"पत्नी" -परिभाषा

तनी    रहे जो अपने    पति पर,
उसको    'पत्नी'     कहते     हैं।
पति   अगर   हो   घर से   बाहर,
थैले   की   तनी     ही   रहते हैं।

इसीलिए    पतिदेव       घरों से
बाहर      ही    खुश    रहते हैं।
घर में घुसकर पतिे  आता जब
पत्नी  के   तेवर     चढ़ते    हैं।

हर  सवाल      उत्तर   पति  के
पास            नहीं          होता ,
तब  पत्नी के उत्तर  निर्णायक
कुछ    सवाल    ही    रहते हैं।

घर  की    रानी  पत्नी   ही है
पर पति     राजा   नहीं कभी,
गली मोहल्ले   में   भी   पूछो
यही   बात   सब   कहते   हैं।

पत्नी  के    मैके  के  कुत्ते  को
गाली   कभी  न   दे     सकते,
यदि कुछ साले  को कह  पाए
तो चूल्हे    भी   ठंडे   रहते हैं।

साली  का  तो    नाम   न लेना
यदि  सुख   शांती    पानी    है,
गर आ    जाए  घर  में   साली
बच्चे    जासूसी     करते   हैं।

एक   म्यान  में एक  ही खंजर
सुविधा   से      रह    पाता है।
साली   के   आकर्षण  में    वे
भागे -  भागे         रहते      हैं।

घर में   'गर सुख   शांति    चाहो
पत्नी    से        मत     टकराना ,
इसीलिए   तो   "शुभम" सुबह से
घर        से     बाहर     रहते  हैं।

💐शुभमस्तु!

✍🏼©डॉ.भगवत स्वरूप "शुभम"

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