गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

प्रेम, ज्ञान का पर्व:मधुमास [ दोहा ]


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 ✍  शब्दकार ©
🌹 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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अब   तो  यह  मधुमास  भी ,
लगता        है       ठगमास।
बूढ़ों  को     भी     दे    रहा,
रोमांचक         कामास।।1।

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बूढ़े    नीम     बबूल     भी ,
हरिआए       इस       बार।
लाल   अधर   मुस्का    रहे,
करते     जनु    मनुहार।।2।

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कलिका  यह  कचनार  की,
कच्ची     कोमल       कांत।
चमकाती    नीले      नयन,
नाच     रही    उद्भ्रांत।।3।

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ठूँठों      में     कोंपल    नई ,
करती -  सी    कुछ    बात।
तरुणाई       में    अरुणता,
का   मनहर   अवदात।।4।

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कलशी    अपने    शीश   धर,
नाचे          अलसी        पेड़।
नीली         आभा       झूमती, 
 खड़ी   खेत    की    मेंड़ ।।5।

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स्वागत    अभिनंदन    करें,
आया       द्वार        वसंत।
पुष्पार्चन      कर     वंदना ,
सब  ऋतुओं   का कन्त।।6।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
अमलतास  , गुलमुहर   भी ,
सहरा         में      मदमस्त।
लहराता    सिर         सेहरा ,
सज्जा   सह  विन्यस्त।।7।।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
गेहूँ  ,  जौ     की    बालियाँ ,
नाच         रहीं      पुरज़ोर।
कटि   पतली   सबला  बनी,
मचा      रही    हैं   शोर।।8।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
पीली       सरसों      झूमती ,
तितली      पी       मकरंद।
फूल -  फूल   रस    चूसती,
मना     रही    आनंद ।।9।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
मधुमक्खी    भँवरे   मगन,
पीकर     रस         संतृप्त।
करें  परागण    सुमन   में ,
नहीं    एक    भी सुप्त।।10।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
अरहर    रह -  रह   झूमती ,
पीकर        हाला      मस्त।
पीले     नन्हे     सुमन   पर,
तितली    भौंरे  व्यस्त।।11।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
नर -  नारी   में   काम   का ,
नव     मादक         संचार।
चुम्बक -सा   मन  खींचता,
फूल  न दिखते   खार।12।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
आया  जब  मधुमास   शुभ,
मधु    की    बरसे        धार।
जड़ - चेतन  में   प्राण  का ,
हुआ   नवल   संचार।।13।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
कानों   में    कोकिल  करे ,
कुहू -  कुहू    दिन -   रात।
लगता   फ़ागुन   आ   गया,
मनसिज   करता घात।14।

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प्रेम , ज्ञान   का   पर्व     है,
मंगल      शुभम   अनन्त।
प्रकृति     मंत्र में  जप  रही,
वंदित  विमल  वसंत।।15।

💐 शुभमस्तु!

12 फरवरी 2020◆ 4.50. PM

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