उनका आँसू शराब हो जैसे।
पी रहा हूँ खराब हो जैसे।।
बस दिखावे को कह रहे हैं बुरा ,
उनका कुर्सी ही ख्वाब हो जैसे।
गीत गाते हैं वो दिखावे को,
कोई उन पर दबाव हो जैसे।
मुल्क में उनकी ये सियासत है,
धर्म - मज़हब अज़ाब हो जैसे।
खुदा की तरह समझता है 'शुभम',
प्यार दुनियाँ में ख्वाब हो जैसे।।
💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🏆 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
01.02.2020◆8.00अपराह्न.
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