शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

तुम सँग खेलिंगे हम होरी [ बालगीत ]


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✍ शब्दकार ©
🌿 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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मैं  देवर  तुम   भाभी  मोरी।
तुम सँग  खेलिंगे  हम होरी।।

हमनें  भरी   रंग   पिचकारी।
देंगे  भिगो   तुम्हारी   सारी।।
भौत  नाय   तौ थोरी - थोरी।
तुम सँग  खेलिंगे  हम होरी।।

भीतर  ते बाहिर  कूँ  आऔ।
चंदन औरु गुलाल लगाऔ।।
माथे   मलौ     हमारे   रोरी।
तुम सँग  खेलिंगे  हम होरी।।

कीचड़ - माटी नाहिं   लगाएं।
भरि  गुब्बारे  नाहिं   चलाएं।।
 नाहिं       करिंगे    जोराजोरी।
तुम सँग खेलिंगे   हम  होरी।।

एक      साल   में  होरी  आई।
खेलि रहे सिग लोग -लुगाई।।
नाहिं   खेलिबौ   होरी  चोरी।
तुम सँग  खेलिंगे  हम होरी।।

कान्हा  नें   राधा  सँग  खेली।
जिनके  सँग में निरी सहेली।।
देवर - ननदी   छोरा -  छोरी।
तुम सँग खेलिंगे  हम होरी।।

💐शुभमस्तु !

28.02.2020 ◆5.45पूर्वाह्न

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