शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

जब मैंने प्रत्यक्ष अटल जी को सुना

   वर्ष 1980 में मैंने जब राजकीय सेवा में बीसलपुर जिला पीलीभीत के राजकीय महाविद्यालय में प्रथम बार कार्य भार ग्रहण किया तो कालेज में ही आयोजित एक आम सभा में माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी  उनका भाषण सुनने का सुअवसर मिला। इतनी सचाई, ओजस्विता  और प्रभावात्मकता मैंने आज तक किसी भी नेता के भाषण में नहीं सुनी। उनको सुनते ही लगा कि देश का नेता हो तो अटल जी जैसा। एक महान व्यक्तित्व, एक विराट हस्ती का स्वामी । कीचड़ -उछाल और कोरी लफ़्फ़ाजी करने वाले नेताओं से एकदम भिन्न एक तपस्वी की छवि से सम्पन्न श्रीमान अटल जी। मैं उनका भाषण सुनकर अभिभूत हो गया। आज तक जीवन मरण मुझे दो ही नेता जननेता, जन नायक औऱ देशभक्त लगे ,पहले श्री अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे श्री कल्याण सिंह , राज्यपाल राजस्थान औऱ पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश। उन दोनों की साहित्यिक छवि औऱ ओजस्वी भाषा शैली वास्तव में अनुकरणीय और श्रव्य है। श्री अटल जी एक जननायक की छवि केवल भारत में ही नहीं विश्व पटल पर स्वर्णाक्षरों में अंकित है। उनके विरोधी औऱ विपक्षी भी उनके आचरण , व्यवहार और व्यक्तित्व के प्रशंसक हैं।
   जीना तो इसी का नाम है। देश सेवा के नाम पर जिन्हों ने अपना जीवन ही सौंप दिया । वे धन्य हैं, ऐसे सपूतों को जनकर ही भारत माता की कोख  धन्य हुई है और  होती रहेगी। उनका तप औऱ तेज आज  के भारत के  भविष्य के लीए पाथेय होगा। जातिवाद, क्षेत्रवाद, वंशवाद और  कुरसी के लालची  कितने आए और चले गए , परन्तु महामना , तपस्वी , त्यागी , बिंदास व्यक्तित्व के धनी भारत माता की कोख से कभी कभी ही पैदा होते हैं।
   आज भारत माता ने अपना एक सपूत खो दिया है। उसकी कोख सूनी हो गई है। जो जाति धर्म और समस्त वादों से ऊपर था।उसके खून में केवल और केवल राष्ट्रवाद था , देश भक्ति थी, देश भाव था। औऱ कोई भाव नहीं था। आज उस महामना जन नायक अटल जी का अभाव हमें सदा खलता रहेगा। बटेश्वर और ग्वालियर की वह धरती जहाँ वह जन्मे , पले , पढ़े, बढ़े,  रीत गई है। वे मातापिता धन्य हैं जिन्होंने अटलजी जैसा विश्व विख्यात दैवी
व्यक्तित्व इस भारत भूमि की सेवा के लिए  उतपन्न किया। साथ ही हम भरत भूमि वासी धन्य हैं , जिन्हें ऐसे महापुरोधा के दर्शन औऱ  सान्निध्य का  लाभ मिला। ऐसे उस महाविभूति को अपने से सच्चे मन से स-अश्रु हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
जय हिंद , जय भारत माता की!
जय किसान , जय जवान औऱ जय विज्ञान की


 ✍🏼 डॉ. भगवत स्वरूप

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