नौ महीने की बात है,
बिछनी 'वही' बिसात है।
हाथी घोड़े पैदल ऊँट,
घात और प्रतिघात है।
शतरंज के सौ रंज हैं ,
किसका दिन और रात है।
नौ महीने की....
रथ रैली और थैली की,
होनी अब बरसात है,
विकट खेल है होली का,
पंक उछाली जात है।
नौ महीने की.....
जो बोया वही कटना है,
क्या अनहोनी बात है?
क्या बबूल के पेड़ों पर ,
मधुर आम्र फल आत हैं।
नौ महीने की ...
दिल की धड़कन तेज हो रही
औषधि वोटर - हाथ है।
लोक - लुभावन वादे नारे,
अब नहीं हमें सुहात हैं।
नौ महीने की ...
सबको चोर रिश्वती समझो,
ये अच्छी नहीं बात है,
मोटे गिद्ध नौंच कर उड़ गए
अवश गौरैया जात है।
नौ महीने की ...
शंकित नज़र तुम्हारी हम पर
चोरों से न बिसात है,
घने वृक्ष की छाँव वे बैठे
सुरा सुन्दरी साथ हैं।
नौ महीने की...
हम निरस्त्र नखहीन अदंता,
हम पर विद्युत - पात है,
विकट बघर्रे छिपे महल में,
तव संरक्षण के पात्र हैं।
नौ महीने की ...
काल - गर्भ में भ्रूण पनपता,
सब भावी के हाथ है,
अल्ट्रासाउंड कराना भी मत
"शुभम" नियम की बात है।
नौ महीने की ....
💐शुभमस्तु !
रचियता✍🏼©
डॉ.भगवत स्वरूप " शुभम "
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें