बुधवार, 30 जून 2021

हाथी आया 🐘 [ बालगीत ]

 

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✍️ शब्दकार ©

🌳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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हाथी  आया    हाथी  आया।

बड़े गाँव  में  हाथी   आया।।


एक  महावत  हाथी के   सँग।

चलने का है बड़ा  अजब ढँग।

थुलथुल हिलता चलता पाया।

हाथी  आया   हाथी   आया।।


खम्भे -  सी  हैं    चारों   टाँगें।

देखें  ज्यों ही हम  सब भागें।।

लंबी    सूँड़   घुमाता   पाया।

हाथी  आया   हाथी  आया।।


 कमरे  जैसा  हाथी  का तन।

कान सूप - से घंटी टन -टन।।

झाड़ू - सी  दुम रहा हिलाया।

हाथी  आया    हाथी आया।।


तवा सदृश गज का रँग काला

दाँत बड़े दो - दो  फुट वाला।।

दर्शन - मेला   हमको   भाया।

हाथी  आया   हाथी   आया।।


केला, गन्ना  , पीपल   खाता।

बड़ी शाख झट खूब चबाता।।

शुभ गणेश को शीश नवाया।

हाथी  आया  हाथी   आया।।


🪴 शुभमस्तु !


३०.०६.२०२१◆६.३०पतनम मार्तण्डस्य।

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