साधना ,
साधना है ,
ईश आराधना है ,
आराध्य की
काव्य की
निज साध्य की ,
जिसने भी साधा,
अशेष सर्व बाधा।
एकाग्रता
अटलता
लगनशीलता का नाम-
'साधना',
डूबकर अंतर में
एकपाद स्थैर्य ,
निरन्तर धैर्य,
व्यग्रता -शून्यता,
न लेशभर
डगमगाहट,
अनसुनी
सर्वाहट,
वही है साधना,
सत्साधना।
परहिताय
परसुखाय
आत्मवेदना की
अपरिसीम सह्यता,
निजान्तर की दह्यता,
तथापि अविचलन,
निरन्तर संचलन,
अतुलित संतुलन,
निज पथ पर
अग्रसरण,
निज लक्ष्य का वरण,
जीवन का संवरण,
सर्व बाधा हरण ,
परम आनंद करण,
साधना की
साध्यता 'शुभम',
सत्यं शिवं सुंदरम।।
💐 शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🌱 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
15.11.2019●6.25पूर्वाह्न
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