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वह मेरा मनमीत बन गया।
जीवन का संगीत बन गया।।
जीवन की राहें पथरीली।
उबड़ - खाबड़ और कँटीली।।
उनको दर्द पुनीत बन गया।
जीवन संगीत बन गया।।
अपना जैसा सबको माना।
हृदय दे दिया अपना जाना।।
वह मेरी हर जीत बन गया।
जीवन का संगीत बन गया।।
मैंने फूल महकते देखे।
पंछी बाग चहकते देखे।।
प्रेम - राग नवनीत बन गया।
जीवन का संगीत बन गया।।
मुझको ठगने को सब फिरते।
विपदाओं के बादल घिरते।।
मेघ गर्जना गीत बन गया।
जीवन का संगीत बन गया।।
पेड़ों पर जब फल लद आए।
सबने अपने शीश झुकाए।।
'शुभम' मंजु मनमीत बन गया।
जीवन का संगीत बन गया।।
💐 शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🦚 डॉ भगवत स्वरूप 'शुभम'
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