नेताजी का खेत है ,
अपना सारा देश।
पाँच बरस काटें फसल,
बदल - बदल कर वेश।।1।
नेताजी के खेत में ,
घुसने का अधिकार।
अधिकारी को भी नहीं ,
करते सब स्वीकार।।2।
नेताजी के खेत में,
खाए गाय न भैंस।
बने बिझूका नित खड़े,
अंधभक्त सब फैंस।।3।
नेताजी चहुँदिशि फिरें,
चूहे भागें दूर।
बिना टॉल बेटिकिट ही ,
ऐश करें भरपूर।।4।
नेताजी के खेत में ,
' भक्त ' बो रहे बीज।
दुर्लभ उनको कुछ नहीं,
सुलभ सदा हर ' चीज '।।5।
नेताजी के शीश पर ,
घरवाली का राज।
यही राज की बात है,
ज्यों गौरैया बाज।।6।
बाहर सब नेता कहें ,
घर में मूषक जान।
मंचों पर चिंघाड़ते ,
घर में बंद ज़ुबान।।7।
नेताजी की पीठ पर ,
लक्ष्मी सदा सवार।
लक्ष्मी का वाहन कहो,
अँधियारे का यार।।8।
नेताजी की योग्यता ,
पर मत करो सवाल।
अधिकारी यश सर कहें ,
डिगरी की टकसाल।।9।
नेताजी की फ़सल का,
मौसम बारह मास।
अधिकारी पछता रहे ,
पढ़े न होते काश।। 10।
वी आई पर्सन सदा,
रहें रेल या जेल।
काला - पीला कुछ करें,
' शुभम ' भावना खेल।।11।
💐 शुभमस्तु !
✍ रचयिता ©
🍊 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
02नवम्बर2019◆4.45 अपराह्न
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