शनिवार, 2 नवंबर 2019

नेताजी का खेत [ दोहे ]




नेताजी        का     खेत   है ,
अपना          सारा       देश।
पाँच     बरस   काटें   फसल, 
बदल -  बदल   कर  वेश।।1।

नेताजी         के    खेत   में ,
घुसने        का      अधिकार।
अधिकारी       को   भी  नहीं ,
करते      सब    स्वीकार।।2।

नेताजी      के      खेत    में,
खाए        गाय   न     भैंस।
बने      बिझूका  नित  खड़े,
अंधभक्त      सब    फैंस।।3।

नेताजी     चहुँदिशि     फिरें,
चूहे          भागें             दूर।
बिना   टॉल    बेटिकिट   ही ,
ऐश         करें       भरपूर।।4।

 नेताजी         के     खेत    में ,
' भक्त '      बो     रहे    बीज।
दुर्लभ      उनको   कुछ  नहीं,
सुलभ  सदा   हर   ' चीज '।।5।

नेताजी     के     शीश   पर ,
घरवाली           का     राज।
यही    राज   की     बात  है,
ज्यों       गौरैया     बाज।।6।

बाहर       सब     नेता  कहें ,
घर     में      मूषक     जान।
मंचों        पर      चिंघाड़ते ,
घर     में     बंद   ज़ुबान।।7।

नेताजी     की      पीठ  पर ,
लक्ष्मी        सदा      सवार।
लक्ष्मी     का     वाहन  कहो,
अँधियारे       का     यार।।8।

नेताजी       की     योग्यता ,
पर      मत   करो    सवाल।
अधिकारी   यश     सर कहें ,
डिगरी    की     टकसाल।।9।

नेताजी    की    फ़सल  का,
मौसम      बारह       मास।
अधिकारी      पछता     रहे ,
पढ़े   न    होते  काश।। 10।

वी    आई   पर्सन      सदा,
रहें        रेल     या     जेल।
काला  -  पीला  कुछ  करें,
' शुभम  ' भावना  खेल।।11।

💐 शुभमस्तु !
✍ रचयिता ©
🍊 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
02नवम्बर2019◆4.45 अपराह्न

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