शनिवार, 12 मार्च 2022

आया फागुन 🎊 [ बाल कविता ]

 

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✍️ शब्दकार ©

🎊 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम' 

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आया      फागुन।

अति मनभावन।।


होली         खेलें।

रँग  भी    ले लें।।


पंक    न   डालें।

रंग       उछालें।।


ले     पिचकारी ।

मारें        धारी।।


महके      चंदन।

कर   लें  वंदन।।


बजें      मजीरे।

धीरे  -    धीरे।।


फूल   खिले  हैं।

गले   मिले   हैं।।


सब     फगुनाए।

धूम      मचाए।।


🪴 शुभमस्तु !


११.०३.२०२२◆६.०० आरोहणं मार्तण्डस्य।


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