बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

भारत की हुंकार [कुण्डलिया]

सेना   की  सामर्थ्य का,
कठिन   परीक्षा  - दौर।
खौल रहा है  खून अब,
गले  न    जाए    कौर।।
गले  न    जाए     कौर,
न खोना   धैर्य  हमारा।
सोच - समझ  पग  बढ़ें,
शक्ति का हमें  सहारा।।
एक ओर   दुःख  गहन,
देश   की   नैया   खेना।
शान्ति   नहीं     विश्राम,
जूझती    भारत  सेना।।

खाते   हैं   इस  देश का,
गाते     उनके       गीत ।
हैं  कृतघ्न  वे नारि -नर,
कभी  न  सच्चे   मीत।।
कभी  न   सच्चे    मीत,
जन्म  लेते    मर  जाते।
क्रिकेट    में   हो    हार,
पाक हित खुशी मनाते।
दिल  के   बीच   दिवार,
खड़ी  कर पत्थर  ढाते।
सेना का  अपमान करें,
फिर   मुंह   की  खाते।।

भारत    की    हुंकार  से,
काँपा          पाकिस्तान।
ध्वज   ऊँचा  फहराएगा,
अपना          हिंदुस्तान।।
आपना          हिंदुस्तान,
जंग    छेड़ता   नहीं   है।
छेड़े         कोई       जंग,
उसे   छोड़ता   नहीं   है।।
अब  सुबूत क्या  माँगता,
करें हम  तुझको  गारत।
सोच -  समझ    इमरान,
नहीं कम ताकत भारत।।

लात   भूत  कब  मानते ,
समझाने      पर    बात।
छिप-छिपकर  घोंपे छुरी
करें    पीठ    पर   घात।।
करें     पीठ   पर    घात ,
सबक  सिखलाना ही है।
कामरान      तो     गया ,
लक्ष्य  इमरान  सही है।।
चैन न  हमको   आयगा,
दिन  हो      चाहे    रात।
भूल   जाएगा    हेकड़ी,
पड़े   कमर  पर  लात।।

बोली  से  अब  बात के,
रहे    न   वे   दिन -रात।
गोली  बम  बारूद    से,
होनी    है   अब   बात।।
होनी   है     अब   बात,
न रण   से   मुँह मोड़ेंगे।
खड़े    हो     गए    शेर,
दाँत गिन-गिन  तोड़ेंगे।।
नहीं   गाँठ    में    दाम,
पाक  फैलाता   झोली।
बहुत   साल     से सुनी,
झूठ  की  भाषा-बोली।।

💐 शुभमस्तु !
✍ रचयिता©
डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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