होली आई ! होली आई !!
बाल सखा टोली हरषाई।।
रँग से भरो श्याम पिचकारी।
फेंको बहुत दूर रँग -धारी।।
घर आँगन हर गली -गली में।
गाँव नगर कस्बा नगली में।।
फ़ागुन ने खुशियाँ बरसाईं।
होली आई ! होली आई !!
लाल हरे नीले औ' पीले।
चटख रंग हैं बहुत सजीले।।
गाल बाल गुलाल लिपटाए।
खिलखिल करते हैं मुस्काए।।
हर चेहरे की छवि मनभाई।
होली आई ! होली आई !!
अम्मा बना रही हैं गुझिया।
पापड़ रसगुल्ले औ'भुजिया
चिप्स काटते मेरे भैया।
दीदी माँगे पाँच रुपैया।।
भर-भर थाली सजी मिठाई।
होली आई ! होली आई !!
होली में हम भूनें बाली।
नाचें बजा- बजा कर ताली।।
देखो राधा धूल न डालो।
रँग गुलाल कितना बरसा लो।
कीचड़ -माटी नहीं सुहाई।
होली आई ! होली आई!!
आओ गले मिलेंगे हम तुम।
भेदभाव की दूरी हो कम।।
लें आशीष बड़ों का सिर पर।
चरणों में अपना सिर धरकर।
छोटा -बड़ा न कोई भाई!
होली आई ! होली आई!!
💐शुभमस्तु !
✍रचियता ©
डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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