हम भारत के बाल वीर हैं
इसकी शान न जाने देंगे।
खट्टे दाँत करें दुश्मन के
नज़र न इधर उठाने देंगे।।
आनमान पर जीना सीखा
आनमान पर मर जायेंगे।
पीठ दिखाकर युद्धभूमि से
नहीं लौटकर घर जाएँगे।।
दूध पिया है जननी माँ का
उसका कर्ज़ अदा करना है।
माँ के आँचल की रक्षा का
पावन फ़र्ज़ अदा करना है।।
मातृभूमि की रक्षा के हित
झंडा नहीं झुकाने देंगे।
हम भारत के ....
चन्दन है भारत की माटी
लगा तिलक माथे पर अपने।
सीमा पर प्रहरी सैनिक बन
जाएँगे हम हिम् पर तपने।।
ले आशीष पिता- माता का
त्राण - यज्ञ पूरा करना है।
प्राणों की समिधा ले कर में
जोश हवाओं में भरना है।।
दुश्मन के काले बादल की
घटा नहीं हम छाने देंगे।
हम भारत के ....
बर्फ़ीली आँधियाँ चलें या
तूफ़ां झंझावात रातदिन।
जज़्बा जोश जुनूँ का सागर
लहराएगा उर में छिन-छिन।।
सुख की नींद नहीं सोयेंगे
देश-त्राण ही धर्म हमारा।
झुलस न पाए माँ का आँचल
एकमात्र ये कर्म हमारा।।
हम अखण्ड भारत के बच्चे
टुकड़े नहीं बनाने देंगे।
हम भारत के....
💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें