सोमवार, 28 अक्तूबर 2019

दीवाली और परिवेश -प्रदूषण [ सायली ]



 तेल
 बाती  जले
नाम   दिये   का
आवश्यक है
समन्वय।

दिये 
माटी  के
सज   गई   रात 
दीवाली की
अमा।

झिलमिलाती 
हैं  झालर 
छत   मुँडेरों   पर
मौन  बतियाती
परस्पर।

खिलौने 
खील  से
लक्ष्मी पूजन हुआ 
साथ  हैं 
विघ्नेश्वर।

  करते
 प्रार्थना जन
 लक्ष्मी   गणेश   से
 पधारें  लक्ष्मी
 घर।

फैला 
प्रदूषण   का
धुआँ   विषैली    गैस
आतिषबाजियों की
हठीली।

सारी 
समझदारी रखी
है     ताक       पर,
प्रदूषण     का
जनक।

जहर
खुशियों में
मिलाता आदमी स्वयं,
दूसरों   को
उपदेश।

ढकोसले 
हैं   सभी 
बैनर ,भाषण , नेता,
औलाद को
दोष!

 सुधरेंगे
 नहीं हम
परिवेश करेंगे दूषित
दीवाली के
नाम।

💐 शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
✅ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

www.hinddhanush.blogspot.in

28.10.2019◆10.15पूर्वाह्न।

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