ख़ुशी मनाएँ पीटें ताली।
आने वाली है दिवाली।।
राम लौट लंका से आए।
रावण मारा मोद मनाए।।
कार्तिक की मावस थी काली।
आने वाली है दीवाली।।
नए - नए हम कपड़े पहनें।
अम्मा जीजी साड़ी गहने।।
खुशियों के दिन रहें न खाली।
आने वाली है दीवाली।।
जब हो मावस की अँधियारी।
दीप जलाएँ करें दिवारी।।
घर बाहर फैले उजियाली।
आने वाली है दीवाली।।
लक्ष्मी गणेश का पूजन वंदन।
घर - घर में होगा अभिनंदन।।
मधुर खिलौने खील निराली।
आने वाली है दीवाली।।
झिलमिल झालर जलें फुलझड़ी।
छत मुँडेर ज्यों ज्योति चल पड़ी।।
भरी बतासे नभ की थाली।
आने वाली है दीवाली।।
पुए - पूड़ियाँ गरम कचौड़ी।
बर्फी पेड़े दाल पकौड़ी।।
फैले 'शुभम' शिवम खुशहाली
आने वाली है दीवाली।।
💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🌷 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
www.hinddhanush.blogspot.in
12.10.2019◆ 12.15 अपराह्न।
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