शनिवार, 2 जनवरी 2021

सदा शिवम हो साल [ दोहा -ग़ज़ल ]


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✍️ शब्दकार ©

🪴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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मन में  नई  तरंग हो,जीवन हो खुशहाल।

नया साल हर पल रहे,हो कोई भी   काल।।


सत्पथ ही निज ध्येय हो,सत्संगति का साथ,

बाधाएँ  सब  दूर  हों,  भरा रहे   उर -थाल।


स्वस्थ देह का साथ हो,आवश्यक धन हाथ,

संतति  माने  बात को,धन संतोष    बहाल।


इच्छाएँ  सीमित   रहें,  ज्ञान अंनत   अबाध,

व्यसन मुक्त जीवन सदा,मुक्ता चुगें  मराल।


पत्नी  सदा सुलक्षणा,संतति हो  गुणवान,

चिंताओं  से मुक्त हो,मानवता की    चाल।


ईर्ष्या,  द्वेष न शेष हो,करुणा, नेह,  ममत्व,

दया,धर्म, शुभ कर्म की,जलती रहे मशाल।


'शुभम'सदा स्वागत करें,पूजनीय पितु  मात, 

गुरुजन का सम्मान हो,सदा शिवम हो साल।


💐 शुभमस्तु !


01.01.2021◆3.30 अपराह्न।

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