गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024

सरसों फूली [ गीत ]

 76/2024

    ©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


सरसों फूली

खेत - खेत में

चहुँ दिशि छाया मोद।


फ़ागुन आया

ऋतु माधव की

मची हुई है धूम।

तितली भँवरे

कली - कली को

रहे डाल पर चूम।।


खेल रहे हैं

पाटल पर जा

अलि-शावक नित गोद।


कोयल कूके

अमराई में 

कुहू-कुहू की टेर।

बौराई है 

डाली -डाली 

कीटों ने ली घेर।।


सेमल टेसू

खिले नाचते

कीर रहे फल खोद।


होली के रँग

की तैयारी

सजा रही नव साज।

धर ललाट पर

माधव आया

रंग  - बिरंगा ताज।।


कामदेव की

सेना उमड़ी

सिमट रहा है ओद।


शुभमस्तु!


27.02.2024●7.30 आ०मा०

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