504/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
कहलाता सुहाग की नगरी
नगर फिरोजाबाद हमारा।
रंग-बिरंगी बना चूड़ियाँ,
दुनिया भर में नाम।
अपनी एक अलग छवि देता,
उच्च कोटि का काम।।
पहनें सभी सुहागिन बहनें,
नभ का एक सितारा।
स्वेद सिक्त मजदूर रात दिन,
करते अनथक काम।
राधा सीता माता पहनें,
साथ श्याम या राम।।
गली-गली में खन-खन बजतीं,
अतिशय हमको प्यारा।
देश - विदेशों में निर्यातित,
सज्जा के सामान सभी।
एक बार जो भी आता है,
भूल न पाता नगर कभी।।
'शुभम्' दिशा दक्षिण में बहती,
यमुना जी की धारा।
शुभमस्तु !
05.11.2024●9.15 आ०मा०
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