मंगलवार, 10 सितंबर 2019

हिंदी से हम [गीत]

           

हम  से   हिंदी  हिंदी  से  हम।
नहीं किसी से थोड़ा भी कम।

स्वाभिमान  की  भाषा  हिंदी।
भारत  के  ललाट  की बिंदी।।
राजकाज   की   भाषा  हिंदी।
सकल साज की भाषा हिंदी।
हमें गर्व   हिंदी   का  हरदम।
हम से हिंदी ....

हिंदी  सावन  मधुर   मल्हार।
हिंदी   झरती   बूँद   फ़ुहार।।
प्रोषितपतिका  की   मनुहार।
माँ का आँचल-द्रवित दुलार।।
नाचे  ता ता थैया   थम-थम।
हम से हिंदी ....

हिंदी   दीपमालिका   होली।
आँगन में सज  रही रंगोली।।
मिस्री-सी घुलती मधु बोली।
अँगना की साड़ी शुभ चोली।
वैज्ञानिक   भाषा   का  दम।
हम से हिंदी ....

हिंदी   संस्कार   की   भाषा।
राष्ट्रोन्नति की   भरती आशा।।
जग में जगमग तेज  उजासा।
नहीं   बिछाती   झूठा  पाशा।
खड़ी   ठोकती   सुदृढ़  खम।
हम से हिंदी....

पहनी    देवनागरी     साड़ी।
हिमगिरि  से बंगाली खाड़ी।।
छायी   परित:  हिंदी ठाड़ी१।
ब्रज अवधी की मोहक बाड़ी।
भोजपुरी  में  है अपना  दम।
हम से हिंदी ....

जो  करते  मुख  से उच्चारण।
ठीक वही लिखने का कारण।
बावन अक्षर   करें   निवारण।
कंठ ,तालु ,मूर्द्धा  से पारण२।
दन्त्य, ओष्ठ्य भी बोले बम।
हम से हिंदी ....

ग्यारह    स्वर  में  हिंदी बोले।
इकतालिस  हैं व्यंजन भोले।।
बिना स्वरों के क्यों मुख खोले!
स्वर के साथ सरसता  घोले।।
काव्य - साधना  में रिमझिम।
हम से हिंदी...

नृत्य , गीत ,  संगीत  मनोहर।
हिंदी की शुभ अमर धरोहर।।
सरिता जैसी,कोई न कोहर३।
ऋतु वसंत की ज्यों दोपहर।।
सहित्य शिवम सत्यं सुंदरम।
हम से हिंदी....

💐 शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
⛲ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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