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शेरा     वाली     माता  आओ।
अपनी उजली ज्योति जलाओ।।
हमें  शेर   से  डर   लगता  है।
थर-थर-थर हॄदय कँपता  है।।
हमें  शेर   से   मातु   बचाओ।
शेरा  वाली .....
ऊँचे    पर्वत    पर  रहती  हो।
कैसे ठंड   कड़ी  सहती  हो!!
नीचे   उतरो     गर्मी    पाओ।
शेरा वाली .....
नौ -   नौ   रूपों  में भी रहना।
अस्त्र-शस्त्र का बोझा सहना।
दर्शन  अपने   देवि   कराओ।
शेरा  वाली .....
घन-घन-घन  घंटा  बजता है।
माँ   दरबार  तेरा  सजता है।।
माता  आकर भोग लगाओ।
शेरा वाली .....
पाप  ताप  बढ़ता  धरती  पर।
माता तू  जल्दी  उसको   हर।।
मानव - कष्ट दूर  कर  जाओ।
शेरा वाली .....
💐 शुभमस्तु !
✍ रचयिता ©
🍑 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
www.hinddhanush.blogspot.in
30सितंबर2019◆7.45 अपराह्न।
 
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