रविवार, 8 सितंबर 2019

सप्त - स्तवन

       श्री सूर्य -स्तवन

हे  सूर्यदेव  !  तुमको    प्रणाम
प्रसारित जग में महिमा ललाम
करते नित  तम का  बहिष्कार
यह  जगत  तुम्हारा  चमत्कार
हे  भानु   भास्कर   बार - बार
शतशः वंदन  शुभ  नमस्कार।




 श्री हनुमान -स्तवन

हे    रामदूत !    बजरंगबली!!
जो जपता तुमको विपत टली
हे  वज्रकाय !     हे महावीर!!
सुरवन्दित  हँसमुख वीर धीर!
शतशः वंदन    शुभ नमस्कार
दंडवत नमन प्रभु  बार - बार।



     श्रीकृष्ण - स्तवन

अच्युत !ज्ञानेश्वर !!योगेश्वर !!!
आनन्दकन्द  अनिरुद्ध प्रवर!
हे कृष्ण !मुरारी ! नंदलाला!!
सर्वेश्वर!निर्गुण!! गोपाला!!!
हे सत्य! सनातन!! नमस्कार
शतशः वंदन प्रभु बार - बार।




     श्री शनि -स्तवन

पिंगल!कृष्णा!! छायानंदन!!
वभ्रु कोणस्थ रौद्र दुःखभंजन
सौरी  मंद  शनी  रविसुत को
नमन- नमन  वंदन वामन को
वंदनीय   गोचर    शत   बार
शतशः वंदन शुभ नमस्कार।




 ☘ श्री शिव स्तवन ☘

हे आदिदेव! शिव नमो नमः
गौरीपति  शंकर  नमो  नमः
अक्षय   अग्नीश्वर   गंगाधर!
अनघ   अनन्त  हे   नागेश्वर!
करता प्रणाम  मैं  बार -बार
शतशः वंदन शुभ नमस्कार।




        श्रीगणेश -स्तवन

हे प्रथम पूज्य!  हे श्रीगणेश!!
हे विघ्न-विनाशक सुत महेश!
श्री चिंतामन गणपति एकदंत !
एकाक्षर प्रभु ,भूपति अनन्त!
हे शुभम !तुम्हें मम नमस्कार
शतशः  वंदन  है  बार -  बार।




 श्री विष्णु -स्तवन 

हे माधव !    हे  नारायण!! 
हे चक्रपाणि ! हे विश्वम्भर!!
केशव    दामोदर   मधुरिपु
हे लक्ष्मीपति! हे पीताम्बर!!
तुम जग  के  पालनकर्ता हो
श्रीपति अच्युत हे जगत्राता!
तुम दीनबंधु   दुःखहर्ता   हो
तुम बिना कौन जीवन पाता
शतशः वंदन शुभ नमस्कार
करता प्रणाम मैं  बार - बार।

💐शुभमस्तु !
-डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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