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सबसे अच्छे और महान।
अम्मा - बापू घर की शान।।
पहले सबसे माँ की पूजा।
नहीं पिता सम कोई दूजा।।
माँ - बापू से बढ़ता मान।
अम्मा -बापू ....
देकर जन्म धरा पर लाई।
देख मुझे मन - मन मुस्काई।।
तन में माँ के आई जान।
अम्मा - बापू....
मुझे देखकर हर्षित बापू।
कैसे अपनी खुशियाँ नापू।।
लगे गुनगुनाने कुछ गान।
अम्मा -बापू ....
इनकी सेवा का बड़भागी।
बन जाऊँ मैं पूत सुभागी।।
आजीवन इनका गुणगान।
अम्मा-बापू ....
दूध पिलाया जब -जब रोया।
लाड़ लड़ाया जब मैं सोया।।
मुझे सुनाती लोरी - तान।
अम्मा -बापू ....
💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
👨🌾 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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