बुधवार, 18 सितंबर 2019

अम्मा- बापू घर की शान [बालगीत ]


  ♾◆◆♾◆◆♾◆◆

सबसे   अच्छे   और   महान।
अम्मा - बापू  घर  की  शान।।

पहले   सबसे  माँ  की पूजा।
नहीं  पिता  सम कोई  दूजा।।
माँ -  बापू  से   बढ़ता   मान।
अम्मा  -बापू ....

देकर  जन्म    धरा  पर लाई।
देख मुझे मन - मन मुस्काई।।
तन   में  माँ  के  आई  जान।
अम्मा - बापू....

मुझे   देखकर   हर्षित  बापू।
कैसे अपनी  खुशियाँ  नापू।।
लगे   गुनगुनाने   कुछ  गान।
अम्मा -बापू ....

इनकी  सेवा  का  बड़भागी।
बन जाऊँ  मैं  पूत सुभागी।।
आजीवन  इनका  गुणगान।
अम्मा-बापू ....

दूध पिलाया जब -जब रोया।
लाड़ लड़ाया जब मैं सोया।।
मुझे  सुनाती    लोरी - तान।
अम्मा -बापू ....

💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
                                                            👨‍🌾 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किनारे पर खड़ा दरख़्त

मेरे सामने नदी बह रही है, बहते -बहते कुछ कह रही है, कभी कलकल कभी हलचल कभी समतल प्रवाह , कभी सूखी हुई आह, नदी में चल रह...