मंगलवार, 10 सितंबर 2019

हिंदी माँ है [बालगीत]

       
  

हिंदी  माँ  है  संस्कृत  नानी।
यही बात सबको बतलानी।।

जन्मे जहाँ  वहाँ   की भाषा।
मातृभूमि जननी से  आशा।।
माँ ने   दी   हिंदी   की बानी।
हिंदी माँ  संस्कृत है नानी।।

रोना     गाना    हर   संवाद।
नए -  नए   हिंदी  के  स्वाद।।
कोई न भाषा  इसकी सानी।
हिंदी माँ    संस्कृत है  नानी।।

लिपि , हिंदी  की  देवनागरी।
ज्ञान  और  विज्ञान  आगरी।।
बावन    अक्षर   अनुसंधानी।
हिंदी  माँ   संस्कृत है  नानी।।

तोतल  बोल  बोलकर  आए।
छन्द-विधा में रस  भर लाए।।
मुहावरे , लोकोक्ति,   कहानी।
हिंदी   माँ   संस्कृत है नानी।।

हिंदी सपना 'शुभम' जागरण।
नित विकास का लेते हम प्रण
हिंदी  कोमल  कांत   सुहानी।
हिंदी माँ    संस्कृत है  नानी।।

💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🌳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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