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©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
चैत्र मास शुभ वर्ष का, नौमी तिथि शुभ वार।
राम जन्म उत्सव मना,शुक्ल पक्ष शुभकार।।
माँ दुर्गा को पूजिए , नौ दिन पहला मास।
नौवें दिन श्री राम का,शुभ अवतरण उजास।।
लिया विष्णु ने चैत्र में, राम रूप अवतार।
चैत्र सुदी नवमी बड़ी, पावन तिथि शुभकार।।
अवतारों में सातवाँ, राम रूप है एक।
कौशल्या सुत विष्णु हैं, ज्यों साक्षात विवेक।।
जो रमता कण- कण सभी,सकल सजी है सृष्टि।
उसी राम की हो रही, निशिदिन भारी वृष्टि।।
राम रसायन के बिना, नर जीवन निस्सार।
हृदय अयोध्या - धाम है, करें राम उद्धार।।
आजीवन रट राम को, राम नाम है नाव।
भव सागर से पार हो, जपें सदा सत भाव।।
रटते - रटते राम को, हो जा प्राणी राम।
तिनका हिले न एक भी,सफल न कोई काम।।
सत्य राम का नाम हैं, कहते बारंबार ।
जब जाता तन छोड़कर, पंछी पंख पसार।।
उलटा जपता राम जो, उसका भी उद्धार।
करते हैं प्रभु राम जी, करके बिना विचार।।
सत्य सनातन धर्म में, त्रेता युग में राम।
अवतारे प्रभु सत्य की, रक्षा के कर काम।।
शुभमस्तु !
01.04.2025● 10.00प०मा०
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