188/2025
[शिवा,शिवानी,शैलजा,ब्रह्मचारिणी,कुष्मांडा]
सब में एक
शिव की शक्ति प्रतीक हैं, शिवा करें कल्याण।
अघ ओघों से मुक्त कर,जन-जन को दें त्राण।।
गिरिजा दुर्गा या शिवा,शिव ऊर्जा के नाम।
करें जगत कल्याण वे,शुभ कैलास सु धाम।।
शंभु शृंग कैलास पर, बसें शिवानी संग।
षड्मुख गणपति साथ में, सोह रहे वामांग।।
हुआ शिवानी भक्त जो,बानक बना अघोर।
अर्पित है शिव भक्ति में, धरता मौन अथोर।।
माता दुर्गा शैलजा, ब्रह्मचारिणी रूप।
सिद्धिदान माता करें, सरस्वती शुभ यूप।।
हिमगिरि के शुभ धाम में,लिया मातु अवतार।
जगत जपे माँ शैलजा, करें सदा उद्धार।।
ज्ञान त्याग तप भक्ति का, पावन दुर्गा रूप।
ब्रह्मचारिणी नाम है,पड़े न नर भव कूप।।
सौम्य रूप की स्वामिनी, त्याग तपस्यवान।
ब्रह्मचारिणी शैलजा, करें कृपा का दान।।
दुर्गा माँ का रूप है, कुष्मांडा शुभ नाम।
सिंहवाहिनी लाल पट, धरे हुए अभिराम।।
हलकी निज मुस्कान से, रचा सकल ब्रह्मांड।
कुष्मांडा तन भानु-सा,महिमा सदा अखंड।।
एक में सब
शिवा शिवानी शैलजा, ब्रह्मचारिणी नाम।
कुष्मांडा नव रूपिणी, गिरि कैलास सुधाम।।
01.04.2025● 11.30 प०मा०
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