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✍️शब्दकार ©
🌳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला !
चूल्हा राजनीति का तपता,
खंडित भारत कर डाला।।
धरती सभी किसानों की है,
फसलें काट रहे नेता।
हित को अनहित बतलाते हैं,
नेता नहीं कभी देता।।
जाति, धर्म में जनता बाँटी,
अगड़ा ,पिछड़ा कर डाला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
दोष दूसरों के दिखलाते,
नहीं गरेबाँ निज झाँकें।
कोस रहे पानी पी -पीकर,
पर करनी को ही आँकें।।
ऊँच-नीच सब देन इन्हीं की,
छुआछूत गड़बड़झाला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
नेताओं में आतंकी भी ,
छिपे हुए मिल जाते हैं।
आगजनी हत्याएँ करते,
फिर बिल में घुस जाते हैं।।
आतंकी नेता दल सारा,
एक रंग - रूपों वाला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
कभी किसानों का मुद्दा है,
कभी छात्र भी भड़काए।
हिन्दू - मुस्लिम रार ठानकर,
छिपे नाग बाहर आए।।
देशभक्त कहते अपने को,
लगा देश में वे ताला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
मन में भरी धूर्तता काली,
वसन बगबगे धारी हैं।
भारतमाता बिलख रही है,
नेता ही बीमारी हैं।।
इन्हें चाहिए बस सिंहासन,
आँखों पर इनके जाला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
नारी को कहते वे माता,
उस पर अत्याचार करें।
भोग्या बना उसे शैया पर,
नारी से व्यभिचार करें।।
कथनी-करनी विषम हो गई,
निज कपाल उल्लू पाला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
गद्दारों से सावधान रह,
निज अस्तित्व बचाना है।
संस्कार निज बचा भारती,
'शुभम' राष्ट्र बन जाना है।।
सुखी स्वस्थ हो भारतमाता,
भावी बने नहीं काला।
कौन देश का शुभचिंतक है,
कौन देश का रखवाला!!
💐 शुभमस्तु !
09.12.2020◆4.45अपराह्न।
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