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✍️ शब्दकार ©
🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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आओ जी नववर्ष मनाएँ।
खेलें - कूदें हर्ष जताएँ।।
माह जनवरी पौष महीना।
माघ फरवरी नहीं पसीना।।
फ़ागुन मार्च रंग बरसाएँ।
आओ जी नववर्ष मनाएँ।।
अप्रैल माह चैत्र का होता।
मई ग्रीष्म का बहता सोता।।
हिंदी में वैशाख बताएँ।
आओ जी नववर्ष मनाएँ।।
जून जेठ की गर्मी वाला।
खुले जुलाई रिमझिम ताला।।
हम अषाढ़ में झूमें गाएँ।
आओ जी नववर्ष मनाएँ।।
सावन में अगस्त आता है।
मन को भादों हर्षाता है।।
मेघ सितंबर जल बरसाएँ।
आओ जी नववर्ष मनाएँ।।
अक्टूबर फिर माह नवम्बर।
और अंत में शीत दिसम्बर।।
आश्विन कार्तिक अगहन आएँ।
आओ जी नववर्ष मनाएँ।।
💐 शुभमस्तु !
29.12.2020◆6.30पूर्वाह्न।
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