[ सायली ]
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✍️ शब्दकार ©
🚸 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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-1-
समय
सबका सदा
अच्छा नहीं होता
बुरा भी
नहीं।
-2-
जा
रहा है
दो हजार बीस
आ रहा
इक्कीस।
-3-
दोष
क्यों देना
समय को मानवो!
गरेबाँ झाँको
अपना।
-4-
अतिक्रमण
आदमी का
बुलाता महामारी सदा
दोष देता
अन्यत्र।
-5-
दायित्व
नहीं लेता
आदमी अपने ऊपर,
बिगड़े काम
का।
-6-
शातिर
बुद्धि का
इंसान मढ़ता दोष
कोरोना का
रोना।
-7-
प्रदूषण
किया तुमने
कोरोना को दोष
'शुभम'कैसा
रोष।
💐 शुभमस्तु !
27.12.2020◆3.45 अपराह्न।
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