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✍️ शब्दकार©
🐻 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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भालू आया ।
नाच दिखाया।।
एक कलंदर ।
सँग में बंदर।।
छम - छम नाचे।
भरे कुलाँचे।।
धारे लाठी।
नाम मराठी।।
झबरा भालू ।
खाए आलू।।
बंदर चालू।
नाम समालू।।
दोनों नाचें।
खबरें बाँचें।।
नहीं झगड़ते।
कभी न लड़ते।।
सब खुश होते।
बालक रोते।।
माँ समझाती।
पैसे लाती।।
भालू बंदर ।
'शुभम' कलंदर।।
💐 शुभमस्तु !
29.12.2020◆11.15पूर्वाह्न।
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