मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

आया नया वर्ष [ गीत ]

 

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✍️ शब्दकार©

🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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आया   नया वर्ष   शुभ आया।

विदा  बीस इक्कीस सुहाया।।


सब  निरोग   हों  भारतवासी।

मिट जाए उर  बसी  उदासी।।

कोरोना   की  रहे   न   छाया।

आया नया वर्ष   शुभ आया।।


सबको मिले   अन्न,गृह,पानी।

नहीं  रहे  अब   खींचातानी।।

लेकर  गया  न  कोई   लाया।

आया नया  वर्ष शुभ आया।।


मन  के  ईर्ष्या , द्वेष   मिटाएँ।

वैर   भाव    सम्पूर्ण   हटाएँ।।

याद न रहता कल क्या खाया?

आया  नया  वर्ष शुभ आया।।


मिटे   अमंगल   मंगल  आए।

काल  बली  के  काले  साए।।

मिटकर लाएँ  शुभ का पाया।

आया नया वर्ष  शुभ आया।।


अहंकार    विषवत  है  भारी।

रावण  की  लंका तक जारी।।

खाक हुआ हर मनुज तपाया।

आया नया  वर्ष शुभ आया।।


निर्मल   हो  गंगा  का   पानी।

हर  नारी  हो  घर की  रानी।।

पति,संतति सँग स्वर्ग सुहाया।

आया  नया  वर्ष शुभ आया।।


धर्म, कर्म   का  पतन न होवे।

भूखा  कोई  मनुज  न सोवे।।

गीत 'शुभम'  ने  मंगल गाया।

आया नया  वर्ष  शुभ आया।।


💐 शुभमस्तु !


28.12.2020◆5.15अपराह्न।


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