गुरुवार, 28 सितंबर 2023

अश्वयुज वेला ● [अतुकान्तिका ]

 424/2023

       

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●©  शब्दकार 

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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पावस के बाद

आ गई है

अश्वयुज वेला,

पर्वों का मेला,

अनन्त चतुर्दशी से

श्री गणेश 

श्री गणेशजी ने ही किया,

महक उठी

पारिजात की बगिया।


पहले पितरों की याद

आत्माओं का तर्पण

श्रद्धापूर्वक श्राद्ध,

आदि शक्ति माँ

दुर्गा का पूजन वंदन

तमस पर 

प्रकाश की

 विजय का पर्व।


जाग उठे

देवी -देवता भी

एक दीर्घ निद्रा के बाद,

करवा चौथ 

सधवाओं का

पति -रक्षा -पर्व

सहर्ष सगर्व।


आ गई दीवाली 

दीपों की मालिका 

सजाती सुहाती,

कार्तिक मास,

धन त्रयोदशी

गोवर्द्धन पूजा,

भैया दूज,

त्योहारों की लड़ी,

झनझनाती फुलझड़ी।


अनवरत पर्वों का

अटूट क्रम,

हर्ष उल्लास सह

 'शुभम्'  पालन धर्म ,

वसंत में 

रंग भरी होली,

अबीर चंदन रोली,

फागुन चैत्र की अठखेली।

मिठास भरी 

गाली की बोली।


●शुभमस्तु !


28.09.2023◆3.00प०मा०

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