बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

गाँव में वसंत [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार ©

🌾 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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गाँवों   में  मधुमास   सुहाया।

फूलों  भरी   वादियाँ  लाया।।


गेंदा   महके    सरसों   फूली।

सूरजमुखी    रंग   में  भूली।।

अरहर  ने पनघट   महकाया।

गाँवों  में   मधुमास  सुहाया।।


ओढ़  चूनरी   अपनी  धानी।

धरती मन ही मन मुस्कानी।।

पीपल  लाल कोंपलें  लाया।

गाँवों  में मधुमास  सुहाया।।


आमों पर   कोयलिया  बोले।

कानों में   मीठा   रस  घोले।।

पिड़कुलिया ने भजन सुनाया।

गाँवों  में   मधुमास  सुहाया।।


पेड़  आम   के    बौराए   हैं।

भौंरे  भी  उन पर   छाए  हैं।।

नीम वृक्ष की  बढ़ती  छाया।

गाँवों  में मधुमास  सुहाया।।


होली  भी  है   आने   वाली।

होगी रँग- वर्षा   मतवाली ।।

गीत 'शुभम'  ने सुंदर  गाया।

गाँवों  में मधुमास  सुहाया।।


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 शुभमस्तु !


१७.०२.२०२१◆३.००पतनम मार्त्तण्डस्य।

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