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✍️ शब्दकार©
🇮🇳 डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम'
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आओ हम इतिहास बनाएँ।
परिश्रम से निज मंजिल पाएँ।
कर्मों की वीणा गुंजारें।
स्वयं तरें मानव को तारें।।
देशप्रेम के गीत सुनाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
मान करें निज मात-पिता का।
मानें गुरुपद को सविता- सा।।
जग में रवि किरणों-सा छाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
मानव -मानव सभी एक हम।
यही भाव भर जीवें हरदम।।
नेह-न्याय की हवा बहाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
राष्ट्र - एकता ही हो नारा।
हो अखंड यह भारत प्यारा।।
भेदभाव को दूर भगाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
देश बाग है हम सब माली।
सूखे नहीं एक भी डाली।।
फूल नहीं इसके मुरझाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
जातिवाद का जहर न पीना।
युग-युग तक भारत को जीना।।
तभी शत्रु से हम लड़ पाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
ढहा भेद की सब दीवारें।
'शुभम'सत्य औ'शिवम पुकारें।
स्वतः सुंदरम उर भर लाएँ।
आओ हम इतिहास बनाएँ।।
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शुभमस्तु !
१.०२.२०२१◆११.००आरोहणम मार्त्तण्डस्य।
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