बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

मीठी गुड़धानी [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार©

🍕 डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम'

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कहाँ   गई   मीठी   गुड़धानी।

याद  किया आया मूँ  पानी।।


मूँगफली  की  चाप   निराली।

लेमन जूस गोलियाँ  खा ली।।

चूस - चूस   चुभलाती  नानी।

कहाँ  गई   मीठी   गुड़धानी।।


ठंडी  घिसी  बर्फ   भी खाई।

बूँदें मधु' रस   की  टपकाई।।

बैठ नीम तरु   छप्पर -छानी।

कहाँ  गई  मीठी   गुड़धानी।।


आम   चूसते   मीठे    टपका।

गिरा डाल से झट से लपका।।

नाम लिया भरता   मूँ   पानी।

कहाँ  गई मीठी     गुड़धानी।।


लडक़ी खेल  रहीं  गुटकंकर।

कंचे , नौगोटी   भी  डटकर।।

चली  गईं वे   बात    पुरानी।

कहाँ  गई   मीठी   गुड़धानी।।


गूलर पर   चढ़   गूलर  खाते।

गिल्ली- डंडे   में   रम जाते।।

'शुभम' खूब बढ़ गप्पें  तानी।

कहाँ  गई  मीठी   गुड़धानी।।


🪴 शुभमस्तु !


०२.०२.२०२१◆ १.००पतनम मार्त्तण्डस्य।


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