सोमवार, 25 अक्तूबर 2021

सजल 🌴

 

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समांत :आन ।

पदांत  :    है।

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✍️ शब्दकार ©

🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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मेरा     देश      महान   है।

संस्कार   मम   शान    है।।


उज्ज्वल गौरव शुभ गाथा,

भारत  की    पहचान   है।


वेद ,उपनिषद ,   रामायण,

इनसे  सदा    विहान    है।


विजयादशमी        दीवाली,

होली   का   गुणगान     है।


जय हिंदी   जय  भारत माँ,

जय जय कृषक  जवान है।


पावस ,शरद , वसंत  सजे,

षडऋतुओं  का  मान   है।


राम ,कृष्ण , सिद्धार्थ धरा,

'शुभम' शुभ्र   पहचान  है।


🪴 शुभमस्तु !


२५.१०.२०२१◆२.००

पतनम मार्तण्डस्य।

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