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✍️ शब्दकार ©
🐒 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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देखो एक मदारी आया।
बंदर और बंदरिया लाया।।
डम-डम डमरू बजा रहा है।
बंदरी को वह सजा रहा है।।
लाल घँघरिया पहना लाया।
देखो एक मदारी आया।।
बंदर पहने नेकर नीली।
है कमीज उसकी जी पीली।।
सिर पर साफा हरा सुहाया।
देखो एक मदारी आया।।
नाच दिखाएँगे ये बंदर।
अपनी बड़ी गली के अंदर।।
पैरों में घुँघरू अति भाया।
देखो एक मदारी आया।।
दर्शक चारों ओर खड़े हैं।
हम सब के सँग बड़े -बड़े हैं।।
बंदरी के पीछे कपि धाया।
देखो एक मदारी आया।।
नाच देखकर खुश हम भारी।
माँग रहा कुछ दाम मदारी।।
दस का नोट 'शुभम' से पाया।
देखो एक मदारी आया।।
🪴 शुभमस्तु !
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