सोमवार, 30 मई 2022

लड़ाई 🏌🏽‍♀️ [ गीत ]


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✍️ शब्दकार ©

🌈 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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बुरी    बताते    सभी   लड़ाई।

लड़ते  फिर भी बहना -भाई।।


नेता  क्यों आपस  में  भिड़ते।

साँड़ समान सड़क पर अड़ते

शांति रास उनको कब आई?

बुरी    बताते    सभी लड़ाई।।


आपस  में   लड़वाते  जनता।

एक  -  एक  दूजे पर तनता।।

भाती   उनको   खूब  पिटाई।

 बुरी  बताते   सभी   लड़ाई।।


होती   जंग    प्रचंड   चुनावी।

आपस   में होते   वे    हावी।।

खून- खराबा   रंजिश   छाई।

बुरी  बताते    सभी   लड़ाई।।


लड़वाने का अलग  मजा  है।

ऊँची अपनी सदा  ध्वजा है।।

दावत भी मिलती  मनभाई।

बुरी  बताते    सभी  लड़ाई।।


हमला  देश  देश  पर  करता।

नहीं ईश   पापों   से   डरता।।

निर्ममता     छाई      निठुराई।

बुरी   बताते   सभी   लड़ाई।।


🪴 शुभमस्तु !


२९ मई २०२२ ◆२.००पतनम मार्तण्डस्य।

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