रविवार, 14 अप्रैल 2019

वोट ही भगवान मेरा [गीतिका ]

1
हाथ   फैलाए   हुए  हम,
वोट    हमको   दीजिए।
दीन  हम  तुम  दानि हो,
मतदानअपना कीजिए।।
ईवीएम का  'वह'  बटन,
ही    दबाना    है    तुम्हें।
पीं  की  ध्वनि  के साथ ,
इक वोट मिल जाना हमें।

2
याचना   करते   तुम्हारी,
अभ्यर्थना  भी  कर रहे।
तुम विजय के  फूल हो,
तव गन्ध से ही तर रहे।।
बाप तुम माँ पूज्य बाबा,
प्रिय   सखा   भाई मिरे।
बहन भाभी  चाची ताई,
घर के परिजन हम तिरे।।

3
पाँच   वर्षों  तक  रखेंगे,
याद  औ' अहसान  हम।
धूल   तेरी    देहरी   की,
चाटकर    करेंगे    कम।।
भगवान के भी नाम पर ,
औ' खुदा  के नाम  पर।
भर दे  झोली मेरी बन्दे,
मेरे हित   मतदान  कर।।

4
वोट   ही   भगवान मेरा,
वोट     चारों    धाम  है।
वोट  से   ही    प्राण मेरे,
वोट  से   हर    काम है।।
क्या करूँ  पर   वोट की,
मदिरा(मुझे) मदमाती है।
  याचना करता 'शुभम'जब,
आत्मा    शरमाती    है।।

5
वोट  गंगा   वोट   यमुना,
गंगासागर    कुंभ    भी।
जो  मिला   मुझको नहीं,
 वहअसुर शुम्भ-निशुम्भ भी।
हार      मुझको   चाहिए,
हार  जब   उनको  मिले।
'शुभम'  पुलिंग  हार  के,
बहु पुष्प माला में खिलें।।

💐 शुभमस्तु!
✍  रचयिता©
📕 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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