जंगल में हलचल है भारी।
वोट डालने की तैयारी।।
शेर और वानर की टक्कर।
वोट माँगते दोनों डटकर।।
दौड़ लगाते चूहा - चुहिया।
टर -टर करते मेढक भैया।।
लंगूरों से वानर यारी।
जंगल में हलचल ......
शेर ठीक है हाथी बोला।
भालू दादा ने मुँह खोला।।
वानर उछल -कूद करता है।
और बाघ से भी डरता है।।
करनी क्या जंगल की ख़्वारी!
जंगल में हलचल ......
उधर लोमड़ी भी चिल्लाई।
मैं क्या कम वानर से भाई!!
दाख़िल करना मुझको पर्चा।
हुई तेज जंगल में चर्चा।।
लोमड़ की आरती उतारी।
जंगल में हलचल ............।
गीदड़ हिरन शशक दल आया
वानर - मामा को समझाया।।
तुम्हें सियासत में क्या पड़ना!
बैर शेर से रखकर लड़ना।
मिले धूल में इज्ज़त सारी।
जंगल में हलचल ....
वानर ने पर बात न मानी।
लड़ने को चुनाव की ठानी।।
ताल ठोंककर खड़ा हो गया।
आम डाल परचढ़ा सो गया।।
कुर्सी दिखी स्वप्न में प्यारी।
जंगल में हलचल .....
तेईस को मतदान दिवस है।
करते कानों में फुस फुस हैं।।
सात बजे पोलिंग पर जाना।
बढ़चढ़ कर वोटिंग करवाना।
छोड़ो सुस्ती नींद ख़ुमारी।
जंगल में हलचल ......
गधेराम पोलिंग ऑफिसर।
लिए लिस्ट बैठे पोलिंग पर।।
सेक्टर मजिस्ट्रेट है घोड़ा।
उसी बूथ पर वाहन मोड़ा।।
ख़च्चर पीठासीं' अधिकारी।
जंगल में हलचल ......
ई वी एम ओट में लेटी।
ज्यों दुल्हन पर्दे में बैठी।।
वोट पड़ रहे एक एक कर।
चिन्ह चयन का देख देखकर।
आई बिल्ली मौसी प्यारी।
जंगल में हलचल .....
भालू दादा भी हैं आए।
स्वयं साथ पत्नी को लाए।।
वे हैं वरिष्ठ नागरिक वन के।
पहला वोट डालते तन के।।
लगी बीप ध्वनि उनको प्यारी
जंगल में हलचल है ....
कौआ बोला किसको डाला।
'चुप कर 'बोला कोयल काला
'गोपनीय है वोट न बोलो।
आपस में यों बैर न घोलो।।'
'जंगल की जनता हितकारी।'
जंगल में हलचल ...........।।
💐शुभमस्तु!💐
✍रचयिता ©
☣ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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